Fire in IOC Plant at Jaipur

जयपुर के सीतापुर स्थित इंडियन आयल कारपोरेशन प्लांट में आग

बेकाबू आग ने 11 टैंकर स्वाह किए

जयपुर के सांगानेर स्थित सीतापुरा इण्डियन ऑयल टर्मिनल में गुरूवार शाम लगी आग और Fire in IOC Plant at Jaipurधमाकों ने शहर को दहला दिया। देर रात तक टर्मिनल पर 12 में से 11 पेट्रोल-डीजल टैंक एक के बाद एक विस्फोट से उड़ गए। इससे फैली भीषण आग में 3 जानें चली गई, जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। इस आग से अरबों के नुकसान की आशंका है। विस्फोट इतना तेज था कि आस-पास के छह किलोमीटर के दायरे में भवनों के खिड़की- दरवाजे टूट गए।

धमाके की आवाज 25 किलोमीटर दूर तक सुनी गई। बीस किलोमीटर दूरी तक धरती हिल गई। Tank blast with bigest fireकरीब पांच सौ मीटर ऊंची आग की लपटें 20 किलोमीटर दूर से भी दिखाई दे रही थीं। जयपुर-कोटा मार्ग पर यातायात रोक दिए जाने के कारण हाइवे पर कई किलोमीटर लम्बी वाहनों की लाइन लग गई। हादसे के समय डिपो के अंदर और बाहर कितने लोग थे इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। धमाकों के बाद टर्मिनल के अंदर और मुख्य गेट के बाहर तबाही का मंजर था, घायल पड़े लोग मदद के लिए कराह रहे थे।

धमाकों से पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई। Biggest movement in publicइण्डियन ऑयल कर्मचारियों के साथ शहर की दमकल के अलावा एयरपोर्ट अग्निशमन की गाडियां आग बुझाने के लिए आईं। पड़ोसी जिलों से भी दमकल की गाडियां बुलवा ली गइंü, लेकिन आग इतनी भीषण थी कि कोई घटनास्थल के आस-पास तक भी नहीं पहुंच सकीं। देर रात तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका था। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर आस-पास के कई किलोमीटर क्षेत्र में गांव खाली करवा लिए। सेना के तीन सौ से अधिक जवानों की मदद ली जा रही है।

हालात के विश्लेषण से स्पष्ट हुआ कि यह आग तेल खत्म होने के बाद स्वत: ही बुझ जाएगी। आग के कारण रेलवे ने दो ट्रेनों को रद्द किया है, जबकि पैलेस ऑन व्हील्स दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन पर रोक ली गई है। साथ ही पचास रोडवेज बसों का रूट बदला गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा को फोन पर इस विस्फोट से अवगत कराया।

लीकेज से आग, ईश्वर भरोसे
“लीकेज के कारण आग लगी। लीकेज की सूचना पर हम सीतापुरा पहुंचे, उसी समय हादसा हुआ। उस समय शिफ्ट के लोग मौजूद थे। डिपो शाम 5.30 बजे बंद हो जाता है, इसलिए अंदर खाली टेंकर ही थे। अंदर कितने लोग थे इसके बारे में बताया नहीं जा सकता। जहां तक बुलाए गए विशेषज्ञ दलों की बात है, तो सब ईश्वर के भरोसे है। विशेषज्ञ कुछ नहीं कर पाएंगे, क्योंकि उनका सुबह से पहले पहुंचना सम्भव नहीं लगता। एयर के जरिए आग बुझाने के बारे में हमने तो कभी सुना नहीं। -गौतम बोस, पेट्रोलियम कम्पनियों के राज्य समन्वयक

घायलों की कुशलक्षेम पूछी
ask about pateintराज्यपाल एस.के. सिंह, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे आदि नेताओं ने अस्पतालों में घायलों का हाल पूछा।

भूकम्प सा एहसास
घटना के समय शहर में भूकम्प के झटके महसूस किए गए। मौसम विभाग के अनुसार इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.3 मापी गई।

अरबों का नुकसान
आग से अरबों रूपए के नुकसान की आशंका है। बचाव के लिए मुम्बई, दिल्ली व मथुरा से टीमें रवाना की जा चुकी हैं।

आर्थिक सहायता
राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रूपए। गम्भीर घायलों को 1-1 लाख तथा समान्य घायलों को 50-50 हजार की सहायता की घोषणा की गई है।

मृतकों की संख्या पर असमंजस
मृतकों की संख्या को लेकर असमंजस की स्थिति रही। मुख्य सचिव श्रीमती कुशलसिंह ने जहां तीन जनों की मौत की पुष्टि की वहीं प्रमुख गृह सचिव प्रदीप सेन के मुताबिक दो जनों की मृत्यु हुई। टेलीविजन चैनलों ने मृतकों की संख्या 13 तक बताई जबकि इण्डियन ऑयल के अधिकारी यह बताने की स्थिति में ही नहीं थे कि हादसे के समय डिपो में कितने लोग थे और कितने लोगों की मौत हुई।

देर रात तक राजस्थान पत्रिका कार्यालय में लोग फोन कर मृतकों व अपने परिजनों के बारे में पूछताछ करते रहे। सूत्रों के अनुसार मौके पर सेना को बताया गया कि हादसे के समय डिपो में 20-25 कर्मचारी ड्यूटी पर थे। जबकि 100 अन्य हादसे के दौरान या पहले अन्दर गए थे। यह नहीं कहा जा सकता कि वे बाहर निकल पाएं या नहीं।

इस भयानक विस्फोट से सम्बंधित चित्र निचे देखे

01. IOC टंक में आग लगते हुए!

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02. फैलते हुए आग की लपटों के साथ!

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03. हॉस्पिटल में घायल मरीज़!

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04. पब्लिक में भगदड़ मची!

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05. ब्लास्ट के साथ टूटते हुए गाड़ियों के कांच

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06. अपने परिजनों को हॉस्पिटल में ढूंढ़ते लोग!

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07. बढती हुए आग की लपटें!

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08. बुलाया गया सेना को!

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09. जयपुर ट्रैफिक जाम!

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10. कुशल छेम पूछते हुए पूर्व हुए मुख्यमंत्री

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11. फायर बिग्रेड आने का कोई फायदा नहीं.

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इस इंडियन आयल कारपोरेशन प्लांट में आग लगने से जयपुर वासियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा! आप हमे लिख भेजें और  कमेन्ट कीजिये:-  Seo.sharma@gmail.com

मंत्री मुरली देवदा जयपुर पहुंचे

मंत्री मुरली देवड़ा जयपुर पहुंचे, 40 कर्मचारी लापता  होने की आशंका

जयपुर। इंडियन ऑयल के डिपो में लगी भयावह आग पर 12 घंटे बाद भी काबू नहीं पाया जा सका है। स्थिति की आपात समीक्षा करने के लिए केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा जयपुर पहुंच गए है। उन्होंने आगजनी की जांच कराने की बात कही है। आईओसी के चेयरमैन भी जयपुर आ रहे है। इस घटना के बाद काम करने वाले 40 कर्मचारी लापता है। हालांकि इनके संदर्भ में अभी तक कोई अघिकृत पुष्टि नहीं हुई है। इस बीच ऎहितियात के तौर पर जामनगर रिफाइनरी से सप्लाई बंद कर दी गई है।

अब तब सभी 11 टैंकर जलकर खाक हो चुके है। लगभग 500 करोड़ का नुकसान हो चुका है। आग पर नियंत्रण के आसार नजर नहीं आ रहे है। आग को बुझाने के लिए मथुरा रिफाइनरी की टीम आ चुकी है। टीम अपने साथ आग पर काबू पाने आवश्यक रसायन व अन्य सामग्री लेकर आई है।

40 मिनट में दहल गई दिल्ली

5 धमाकों के साथ दहल गई दिल्ली

पहले राजस्थान की राजधानी पर फ़िर भारत की राजधानी पर एक के बाद एक हमला

जयपुर धमाकों के ठीक चार माह बाद 13 तारीख को ही आतंकियों ने इस बार देश की राजधानी दिल्ली को निशाना बनाया।इन सीरियल धमाकों में कम से कम 25 लोग मारे गए और 80 घायल हुए हैं।
दिल्ली.इस बार राजधानी दिल्ली को निशाना बनाते हुए आतंकियों ने शनिवार शाम करीब 40 मिनटों में तीन भीड़ भरे बाजारों को 5 जोरदार धमाकों से दहला दिया। इन सीरियल धमाकों में 25 लोग मारे गए और 80 घायल हुए हैं। इस बार फिर ‘इंडियन मुजाहिदीन’ नामक संगठन ने मीडिया को ई-मेल भेजकर धमाकों की जिम्मेदारी ली है। केंद्रीय गृहमंत्री शिवराज पाटील ने मृतक संख्या 18 बताई है।

कहां कहा हुए धमाके

>> सबसे पहले दिल्ली के करोलबाग में एमसीडी मार्केट में 6 बजकर 10 मिनट में पहला धमाका

>> कनॉट प्लेस में 2 धमाके

>> 1 गोपाल दास भवन

>> 2 पालिका बाजार

>> ग्रेटर कैलाश एम ब्लॉक

दहशत के 40 मिनट

बोम्ब ब्लास्ट के बाद ख़ुद हो सँ�ालते लोग

दिल्ली में 13 सितम्बर सांयकाल 40 मिनट के अंदर 5 धमाके हुए है। इन सीरियल धमाकों में 25 लोग मारे गए और 80 घायल हुए हैं। और घायलों का इलाज स्थानिय अस्पताल में चल रहा है। दिल्ली पुलिस ने कहां है कि फिलहाल धमाकों के कारणों का पता नहीं चल सका है लेकिन लोग घबराने के बजाय सर्तक रहकर किसी भी अनजान वस्तु को हाथ ना लगाएं।

आज हुए सीरियल बम धमाकों में घायल 80 और 25 लोगों की मौत हो गई है।

खुफिया सूचना थी

हाल ही में खुफिया सूचना मिली थी कि गणोश चतुर्दशी के मौके पर किसी बड़े शहर को निशाना बनाया जा सकता है।

चार जिंदा बम बरामद

इंडिया गेट, रीगल सिनेमा, सेंट्रल पार्क और विजय चौक के पास से जिंदा बम बरामद किए गए जिन्हें डिफ्यूज कर दिया गया।

अस्पतालों में सुरक्षा

विस्फोट में घायलों को अस्पताल पहुंचाने के साथ ही पुलिस ने अस्पतालों की भी सुरक्षा बढ़ा दी है। क्योंकि अहमदाबाद में अस्पताल भी निशाना बने थे।

देश भर में हाई अलर्ट

दिल्ली में विस्फोटों के बाद पंजाब, हरियाणा समेत देश के कई राज्यों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। दिल्ली से लगे उत्तरप्रदेश के सभी जिलों में सुरक्षा बलों को अलर्ट कर गश्त बढ़ा दी गई है।

भीड़भरे इलाकों में अतिरिक्त बल तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य के अयोध्या, वाराणसी और मथुरा जैसे धार्मिक रूप से संवेदनशील शहरों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के विशेष निर्देश दिए गए हैं। हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है। दिल्ली से लगे शहरों में वाहनों की चेकिंग बढ़ा दी गई है।

भोपाल से मिली खबर के मुताबिक मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक एसके राउत ने राज्य में हाईअलर्ट जारी करने की जानकारी देते हुए बताया कि खुफिया शाखा के माध्यम से सभी रेंज और जिलों के अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए जा रहे हैं।

मुंबई में कड़ी सुरक्षा : मुंबई में महाराष्ट्र के डीजीपी एएन रॉय ने कहा कि देश की औद्योगिक राजधानी के अलावा राज्य भर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि रविवार को गणोश विसर्जन समारोहों के मद्देनजर पहले से ही सुरक्षा बंदोबस्त कड़े कर दिए गए थे।

छब्बीस हजार सुरक्षाकर्मी तैनात : उधर, हैदराबाद में रविवार को केशवगिरि से पुराने शहर में हुसैनसागर झील तक के 36 किलोमीटर लंबे गणोश विसर्जन मार्ग पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। शहर में 26 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।।

बच्चे ने देखा आतंकियों का चेहरा

दिल्ली में आज हुए बम ब्लास्ट के जिम्मेदार आतंकियों के चेहरे को एक बच्चे ने देखने का दावा किया है जिन्होंने बम रखा था। इस बच्चे का नाम राहुल बताया जा रहा है और वह दिल्ली के बारहखंभा इलाके में गुब्बारे बेचकर अपना जीवन चलाता है। इस बच्चे ने उन आतंकियों का चेहरा देख लिया है जिन्होंने आज राजधानी दिल्ली में मौत का तांडव फैलाया है। पुलिस बच्चे को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई है।

क्या बताया बच्चे ने

>> आतंकी दो थे और काले कपड़े में आए थे

>> मूंछ और दाड़ी में थे

>> आटों में आए थे

>> डेस्टबिन में काली पन्नी को रखा

>> उसके बाद एक बड़ा धमाका हुआ

इतना होने के बाद भी पुलिस कुछ नही कर पाती ऐसा क्यों ! और ये सब कब तक चलता रहेगा! बेगुनाह पुब्लिक क्यों मर रही है उन्होंने ऐसा क्या गुनाह किया है जो उन्हें इस तरह की सजा मिल रही है! ऐसे बोम्ब ब्लास्ट में आम जनता ही क्यों मरती है कोई बड़े या ऊँचे लोग क्यों नही मरते क्या उन्हें ऐसे कामों का पता पहले से होता है? इस आतंवाद के खिलाफ आपका क्या राय है! आप क्या कहेंगे हमें लिख भेजे….

प्रथ्वी का विनाश प्रथ्वी के लोगों के द्वारा

ब्रह्माण्ड के साथ खिलवाड़ :
जयपुर १३ मई को हुए सिरिअल बोम्ब ब्लास्ट के बाद ये दूसरी घटना है जो पूरे विश्व को हिला देने वाली घटना है जो की इस वैज्ञानिको की छोटी सी भूल से हो सकती है ! अगर ये परिक्षण सफल हुआ तो हम ये जान पाएंगे की इस संसार का निर्माण कैसे हुआ और अगर भूल से भी ये निरिक्षण असफल हुआ तो हम में से कोई भी ये जानने वाला नही रहेगा की इस परिक्षण का क्या निष्कर्ष निकला ! ये वैज्ञानिक की आजतक की सबसे बड़ी खोज है जो की 14 वर्ष की कठिन परिश्रम और 4.4 अरब की लागत से बनाई गई इस मशीन की लम्बाई 27 किलोमीटर और 100 मीटर जमीन के अन्दर इस मशीन को बनाया गया है ! इस मशीन को बनाने के लिए 5000 वैज्ञानिको की 14 साल की दिन-रात के  परिश्रम से इस मशीन को बनाया गया है जिसका सञ्चालन 60000 कंप्यूटर द्वारा किया जाएगा !

आशंका :-
इस परिक्षण का विरोध कर रहे वैज्ञानिको का मानना है की एल एच सी का कार्यप्रणाली जटिल है वैज्ञानिको ने यह नही बताया है की यदि प्रथ्वी के वायुमंडल में ब्लाक होल बन गए, तो फ़िर क्या करेंगे !

क्या धरती वैज्ञानिक प्रयोग की कीमत चुकाएगी? क्या आज नेचर से खिलवाड़ धरती और इस पर विचरण कर रहे लाखों जीवों का अंत हो जाएगा? क्या वैज्ञानिक प्रयोग सफल होंगे और मानव उस रहस्य को जान सकेगा जिसके कारण यह संसार बना? आखिर होगा क्या ये प्रयोग आखिर क्यों और किस लिए हो रहें है ? इन सारी बातों का आज 10 सितंबर 2008 को फैसला हो जाएगा। क्या होगा संसार का यह आज भारतीय समयअनुशार दिन के 12.30 मिनट पर तय हो जाएगा।

अगर प्रयोग सफल हुआ तो ?

अगर मानव जिज्ञासा की जीत होती है तो हम शायद आज 10 सितंबर को भारतीय समय अनुसार 12.30 मिनट के बाद उस सत्य को जानने के काफी करीब होंगे जिसके लिए संसार के कुछ वैज्ञानिक मानव सभ्यता को दाव पर लगाकर विज्ञान की दुनिया का सबसे बड़ा प्रयोग कर रहे है।

और प्रयोग असफल हुआ तो ?

और अगर विज्ञान सफल नहीं होता है और वास्तव में वायुमंडल में ब्लैक होल बन जाता है तो यह संसार खत्म हो सकता है। मतलब साफ है इस प्रयोग के असफल होने पर यह धरती वायुमंडल के उस ब्लैक होल में समा जाएगी जो वैज्ञानिक असावधानी के कारण बनेगा। सकेंत साफ है ऐसी स्थिति में सदियों पुरानी मानव सभ्यता एक मानवीय भूल के कारण खत्म हो जाएगी तब ना तो हम यह खबर बताने के लिए रहेंगे और ना आप उस खबर को पढ़ने के लिए ।

might be end of the world ?

तबाही की भविष्यवाणी!

फ्रांस के मशहूर भविष्यवक्ता माइकल नास्त्रेदमस (1503-1566) ने जिनेवा में तबाही का अप्रत्यक्ष तरीके से जिक्र किया है। उन्होंने साफ लिखा था ‘जिनेवा के आसमान में महाविनाश के संकेत साफ दिखेंगे, जिनेवावासियो तबाही से बचने के लिए इस जगह को छोड़ दो क्योंकि शनि अपने सोने के रूप से लोहे के रूप में परिवर्तित हो जाएगा जोकि महाविनाश का संकेत है। उस वर्ष शनि और मंगल समान रूप से उग्र होंगे। हवा रूखी हो जाएगी। यह सब धरती से एक जलते हुए विशाल उल्कापिंड के टकराने से मची तबाही जैसा होगा।’

न्यूयॉर्क.संसार की उत्पत्ति के बारे में आधुनिक विज्ञान की अब तक की धारणा ‘बिग बैंग थ्योरी’ का बुधवार सुबह ठीक नौ बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर 12:30 बजे) जिनेवा में जमीन के 100 मीटर नीचे परीक्षण होगा।

दुनियाभर के वैज्ञानिक भले ही इस प्रयोग से आशंकित हों परंतु स्टीफन हॉकिन्स और प्रो. यशपाल जैसे मशहूर वैज्ञानिक परीक्षण के दौरान दुनिया की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त हैं।

महाविनाश की आशंका निमरूल करने के लिए ही ब्रिटिश राजकुमारी मिशेल को मौके पर शिरकत के लिए बुलाया गया है। एलएचसी का बटन मिशेल ही दबाएंगी और वे जमीन से 330 फीट नीचे बनी प्रयोगशाला में कुछ समय भी बिताएंगी।

वैज्ञानिकों की उम्मीदें :

एलएचसी के निर्माता ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक केविन वर्वेल ने परीक्षण के फौरन बाद ब्लैक होल बनने और धरती पर आफत आने जैसी बातों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने बताया कि ब्लैक होल बनने के लिए जरूरी कणों में टकराव की पहली घटना अगले माह की 21 तारीख तक सामने आ सकती है।

इस घटना के साथ वैज्ञानिकों को उन तीन सवालों

1. ब्रrाण्ड का मौजूदा स्वरूप कैसे बना।

2. क्या इस ब्रrाण्ड में कई विमाएं (डायमेंशंस) मौजूद हैं

३ और सबसे अहम तीसरा सवाल यह है कि कणों में भार और गुरुत्व कैसे पैदा होता है, के जवाब मिलने की उम्मीद है। जिसे ढूंढ़ने के लिए नौ अरब डॉलर की इस परियोजना को शुरू किया था।

वैज्ञानिक इस प्रयोग से पृथ्वी की उत्पत्ति करने वाले मूल कणों की खोज करने की भी उम्मीद लगाए बैठे हैं।

विरोध क्यों?: इस प्रयोग पर विरोधी वैज्ञानिकों का मानना है कि एलएचसी की कार्य प्रणाली इतनी जटिल है कि जरा सी असावधानी इसमें विपरीत प्रक्रिया शुरू कर सकती है।

उनका मानना है कि पार्टिकल (कण) और एंटी पार्टिकल (विरोधी कण) का मेल होने पर धरती को बचाना संभव नहीं होगा। यदि पृथ्वी के वायुमंडल में ब्लैक होल बन गए, तो समझो दुनिया खत्म।

मानवता के लिए अहम :

विख्यात भौतिकविद स्टीफन हॉकिन्स ने इस परीक्षण की सफलता के लिए शर्त लगाते हुए कहा कि प्रयोग सुरक्षित और मानवता की बेहतरी के लिए है, लेकिन उन्हें इस संदेह है कि इसके जरिए वैज्ञानिकों को सृष्टि की उत्पत्ति के बारे में जानने के लिए जरूरी मूल कणों को खोजने में कामयाबी मिल जाएगी।

60 हजार कंप्यूटरों का नेटवर्क : बिग बैंग को दोहराने की इस कवायद पर दुनियाभर में फैले 60 हजार कंप्यूटरों के विशालतम नेटवर्क से नजर रखी जाएगी। आम डिटेक्टरों से 10 गुना ज्यादा अचूक चार विशाल डिटेक्टर आंकड़े भेजने का काम करेंगे, जबकि पूरी गतिविधि की तस्वीरें एक विशालकाय कैमरे की मदद से खींची जाएंगी, जो 15 करोड़ पिक्सेल रिजॉल्यूशन की 60 करोड़ तस्वीरें प्रति सेकंड खींचने में सक्षम होगा।

इन सभी आंकड़ों को यूरोप, उत्तरी अमेरिका और एशिया में फैले 11 शीर्ष शोध संस्थाओं को भेजा जाएगा, जहां हजारों वैज्ञानिक इनका विश्लेषण करेंगे। माना जा रहा है कि प्रयोग के पहले नतीजे आने में ही दो साल तक का समय लग सकता है।

वैज्ञानिकों को धमकियां

इस प्रयोग में वैज्ञानिकों को जान जाने का भय भी सताने लगा है। यहां काम में जुटे एक खान मजदूर के वैज्ञानिक बेटे को ई-मेल के जरिये जान से मार की धमकी मिली है। आशंका है कि ये धमकियां ऐसे लोग दे रहे है जो इस प्रयोग से खुश नहीं हैं उन्हें लग रहा है कि इससे दुनियाभर में भूकंप तबाही लाएंगे और महासागरों में सुनामी से धरती का महाविनाश होगा।

क्या होगा मंजर

एलएचसी के चालू होते ही प्रोटॉनों के तीव्र प्रवाह से विपरीत दिशाओं से दो किरणों आपस में प्रकाश की गति से टकराएंगी। इस टक्कर में आग के शोले उठेंगे और परमाण्वीय कचरे की बारिश होगी।

बिग बैंग-2 : कुछ रोचक तथ्य

* एलएचसी की 25 किलोमीटर लंबी ट्यूब में आपस में टकराते समय प्रत्येक प्रोटॉन में 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती ट्रेन जितनी ऊर्जा होगी।

* एलएचसी को तीन चरणों वाला प्रोटॉन एक्सीलरेटर कहा जा सकता है। पहले चरण में हाईड्रोजन को तोड़कर उसमें से प्रोटॉन निकालने की प्रक्रिया पूरी होती है। इन प्रोटॉन्स को गति देने के लिए दूसरा चरण होगा। तीसरे चरण में प्रकाश की गति से प्रोटॉन्स की बौछार होती है।

* अमेरिका के अपोलो मिशन के बाद यह दुनिया का सबसे बड़ा प्रयोग है।

* यू-ट्यूब पर इस श्रंखलाबद्ध प्रक्रिया का एक काल्पनिक वीडियो जारी किया गया है। इसे अब तक करीब 13 लाख बार देखा गया है।

* सालभर में एलएचसी के जरिए चार बार बिग बैंग को दोहराने की कोशिश की जाएगी और इन प्रक्रियाओं में एफिल टावर जितना ऊंचा मलबा इकट्ठा होगा।

* प्रयोग के आंकड़ों में से सालाना लगभग 15 पिटाबाइट आंकड़ों की छंटाई के बाद भी इतने आंकड़े जुटेंगे कि उनसे 20 लाख डीवीडी तैयार की जा सके। ,

* एलएचसी में प्रत्येक प्रयोग में 140 खरब वोल्ट की ऊर्जा की खपत होगी।

* उपकरण के सबसे अहम व आखिरी चरण में 120 मेगावाट के बराबर ऊर्जा की खपत होगी।

* प्रयोग के लिए 10 हजार से ज्यादा कंपनियों को साझेदार बनाया गया है।

लेकिन खुदा ना खास्ता इन सबके बावजूद धरती का कोई हिस्सा बच गया और अगर वहां कोई इसांन जिंदा रहता है तो वह तो शायद यहीं कहेगा कुछ सिरफिरे वैज्ञानिकों ने धरती को तबाह कर दिया । लेकिन जनाब आप क्या कहेंगे हमें लिख भेजे….

Bobm Blast In Jaipur

17 मिनट में 9 बम छूटी जयपुर में कम से कम 80 मरे

एक श्रृंखला के बम विस्फोटों में कम से कम 80 ने दावा किया है जीवन में एक लोकप्रिय पर्यटक जयपुर जिले के शहर के उत्तर भारत में हैं . अधिकारियों ने कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़ जाने के बाद उम्मीद की थी कि देश के आतंकवाद के हमले के दो साल में 200 से अधिक घायल हो गए हैं कि विस्फोट में 9 फाड़ के माध्यम से जयपुर के पाठ्यक्रम के बारे में 17 मिनट के अनुसार , पुलिस की है . टेलीविजन समाचार चित्र दिखाया तरणताल के ढेरों के बीच रक्त की दहक और साइकिल रिक्शा क्षेत्रों में है कि आम तौर पर शाम को आकर्षित bustling भीड़ में शामिल हैं जो नियमित रूप से सैकड़ों पर्यटकों .

समाचार नहीं था तत्काल किसी भी विदेशी हमले के हताहत होने के बाद , जो गया के उद्देश्य से शहर के कुछ क्षेत्रों में व्यस्त सहित , बाजार और स्थानों पर मंदिरों के दौरान भीड़ घंटा है .

ब्रिटिश उच्चायोग के अधिकारियों को दिल्ली में लगभग 160 मील दूर से जयपुर , ने कहा है कि वे स्थिति पर निगरानी रखने के निकट थे लेकिन यह टेलीफोन लाइनों को शहर के अस्पताल के सवाई मान सिंह , जहां घायलों और मृतकों को ले जा रहे थे , जाम थे .राजस्थान राज्य के गृह मंत्री गुलाब चन्द कटारिया , संवाददाताओं से कहा : ” हमें जानकारी है कि 80 लोग मारे गए हैं . एक संदेह था और हिरासत में जांच की जा रही है . “

जयपुर , राजस्थान का प्रवेश द्वार के किलों और महलों के नाम से जाना जाता है और गुलाबी रंग की वजह से शहर की कई इमारतों में , आमतौर पर आकर्षित इस समय ब्रिटेन के लगभग 2000 वर्ष की है .

Eyewitnesses ने कहा कि वे छह सुना विस्फोटों के तुरंत में उत्तराधिकार में स्थानीय समय के आसपास 7.30pm में शहर की दीवारों जिला है . ट्रिगर करने का एक विस्फोट की संकरी गलियों में भगदड़ के पुराने शहर है , उन्हों ने कहा है . ” लोगों की शुरुआत के आसपास चल रहा है और मैं उन्हें बाद , ” एनडीटीवी अनिल गर्ग ने कहा , प्रसारक है . ” भारी यातायात जैम हैं . I am very scared.” मैं बहुत भयभीत हैं . “

मरे हुए थे उनमें एक 10 वर्षीय बालक पर हनुमान ( बंदर देवता ) के भवन में , दुल्हन एक चमकदार लाल साड़ी में एक विवाह अभी भी पहनने चूड़ियां और एक जवान शामिल किया गया था जो रक्त में फांसी की बाईं मरोड़ा मलबे का एक साइकिल रिक्शा .राजस्थान की पुलिस के प्रमुख , Amorjot सिंह गिल ने कहा कि इस घटना से स्पष्ट रूप से एक आतंकवादी हमला था . भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक बयान जारी किया था और विस्फोटों की निंदा की अपील के लिए शांत है . शहर भर में भारत सहित , दिल्ली और मुंबई , पर सतर्क रखा गया है . जैसा कि बहुत से अन्य चार बम के रूप में जयपुर में लगाए गए थे , लेकिन विस्फोट करने में असफल रहे , रिपोर्टें ने कहा . सरकारी पर टिप्पणी नहीं था और न ही संभावित संदिग्ध गुटों ने पिछली रात की जिम्मेदारी है . भारत से ग्रस्त कर दिया गया है छिटपुट बमबारी हाल के वर्षों में नियमित और अधिकारियों की बात उंगली पर आधारित इस्लामी आतंकवादियों या विदेशी , अधिक शायद ही कभी , हिंदू कट्टरपंथी गुटों को ट्रिगर करने के लिए सांप्रदायिक हिंसा को उम्मीद है .

वहां से सुझाव है कि भारतीय सुरक्षा सूत्रों के नवीनतम हमले करने के लिए हो सकता है समय के साथ होना वीं वर्षगांठ के दसवें द्वितीय के पोखरण परमाणु परीक्षणों के दौरान भारत का प्रदर्शन किया जो अपने परमाणु शस्त्रागार , एक अधिनियम के रूप में लिया उत्तेजक के समय पाकिस्तान द्वारा अपमान है . उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि विस्फोटों की तीव्रता के साथ मिलान के उपयोग करने के लिए विस्फोटकों के नाम से जाना इस्लामी गुटों द्वारा अपनाई गई है , हालाँकि वे यह भी बल बनाने के लिए शीघ्र निर्णय है .

भारत के विदेश मंत्री की यात्रा करने के लिए पाकिस्तान के कारण किया गया था , जो भी जोर का दावा करने के लिए कश्मीर , और बाद में इस सप्ताह में वृद्धि हो गया है skirmishes राज्य में विवादित हिमालय .हाल में सबसे गंभीर घटना के एक हमले में दक्षिणी शहर हैदराबाद , जो जीवन को दावा किया कि पिछले 43 अगस्त को . अक्तूबर में एक और हमला हुआ था जयपुर में , जिसमें दो लोग मारे गए .

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